फिल्म - नयी उम्रकी नई फसल - संगीतः रोशन; गायकः मोहम्मद रफी
खुशी जिसने खोजी वो धन लेके लौटा
हसीं जिसने खोजी वो चमन लेके लौटा
मगर प्यारको खोजने जो चला वो
न तन लेके लौटा न मन लेके लौटा
सुबह न आई, शाम न आई
जिस दिन तेरी याद न आई, याद न आई
सुबह न आई, शाम न
आइ.
कैसी लगन लगी ये तुझसे,कैसी लगन ये लगी,
जिस दिन तेरी याद न आई,याद न आई
हसीं खो गई,खुशी खो गई
आंसु तक सब रहन हो गयें
अर्थी तक सब निलाम हो गई [२]
दुनियाने दुश्मनी निभाई,याद न आई
सुबह न आई, शाम न
आई
तुम मिल जाते तो होती पूरी अपनी राम कहानी
धर धर ताज महल बन जाता,गंगाजल आंखोंका पानी
सांसोने हथकडी लगाई, याद न आई
सुबह न आई, शाम न
आई
जैसे भी हो, तुम आ
जाओ,
आग लगी है तनमें और मनमें [२]
एक तारकी दूरी है [२]
बस दामन और कफनमें
हुई मौतके साथ सगाई, याद न आई.
आ जाओ, आ जाओ, आ जाओ
फिल्म - चा चा चा - संगीतः इकबाल कुरेशी ; गायकः मोहम्मद रफी